Negative Attitude

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Monday, September 10, 2012

पॉवर ऑफ सिडक्शन - अमिताभ बच्चन

ज्ञान ही आपको आपका हक दिलाता है.....जोदि त्होर डाक शूने कोई ना आशी तोबे एकला चोलो रे,तोबे एकला चोलो,एकला चोलो,एकला चोलो,एकला चोलो के उद्घोष के साथ पंच कोटि ज्ञान कुम्भ कौन बनेगा करोड़पति 6(2012) का शानदार आगाज़ हुआ.घड़ियाल बाबु से श्रीमती टिकटिकी और अब उनकी संतान सुई मुई पंच कोटि ज्ञान कुम्भ कौन बनेगा करोड़पति 6 (2012 ) में समय के नियंत्रण की कमान संभालेगी.जिस तरह समय परिवर्तनशील है ठीक उसी तरह समय को नियंत्रित करनेवाला भी-वाह!-इस कार्यक्रम की रचनात्मकता में मानव जीवन की छोटी छोटी परन्तु बुनियादी संदेशो का समावेश इस शो को अद्भुत बनाता  है.

आम आदमी से दूर होकर भी उनसे जुड़ कर, उनके बीच बातचीत,बहस - मुबाहिसा,विचार - विमर्श एवं मनोरंजन करते हुए ज्ञान का यह खेल और वह भी सदी के महानायक  की मेजबानी में शो को लोकप्रिय तो बनाता ही है साथ साथ ज्ञान के साथ मनोरंजन का इस्तेमाल इसको एक अति विशिष्ट कार्यक्रम की फेहरिस्त में शुमार करता है.अमिताभ बच्चन की मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति,भाषाओ की शुद्धता,अभिनन्दन की व्यावहारिकता और लोगो को उनके ही भाषाओ में संवाद उनके शख्शियत के साथ साथ इस शो को समस्त संसार में अतिरिक्त प्रसिद्धी तथा सम्मान प्राप्त कराता है.इस धरातल पर महिलाओं की प्रलोभन शक्ति सबसे ससक्त मानी जाता है परन्तु मनोविज्ञान अगर इस सिद्धांत से निश्चिंत हो चुका है तो मनोवैज्ञानिक इस ७० वर्षीय अमिताभ बच्चन के KBC के एक दो प्रकरण देखे,आपको यह शो Seduction Power के सिद्धांत को फिर से परिभाषित करने को मजबूर अवश्य करेगी. 

प्रणाम,कही जाइएगा मत,Let us play,शुभ रात्रि,अनेक अनेक धन्यवाद जैसे संबोधन एवं शो में पूछे गए सवालों में Item Numbers की मौजूदगी के साथ अमिताभ बच्चन की जादुई आवाज़ - मानों स्वर्ग की अप्सराएं सूर्य को बंधक बना पूरी पृथ्वी को रिझा रहीं हो.मनोरंजन उद्योग की Theory चाहे कुछ भी कहे लेकिन एक बात तो स्पष्ट है की Seduction सिर्फ बोल्ड एंड ब्यूटिफुल का मोहताज नहीं है.आज मनोरंजन उद्योग जगत में TRP के युद्ध का एक कारण यह भी है की ये जरूरत से ज्यादा लोगो को मनोरंजीत करना चाहते है.भारत की साक्षरता,संस्कृति,लोगो की आर्थिक स्थिति,भाषा का मोह एवं परंपरा की गुलामी इस देश को विचित्र बनाता है और इस विचित्रता भरे देश में मनोरंजन की अत्यधिकता वह भी निर्धारित प्रारूप के साथ,स्त्री के प्रलोभन शक्ति पे बेइन्तेहाँ निर्भरता टेलीविज़न मनोरंजन को दिन ब़ा दिन उबाऊ बनाता जा रहा है.अब मनोरंजन उद्योग उद्देश्य पे कम TRP की अधिकता पे ज्यादा ध्यान केन्द्रित कर रहा है.KBC की रचनात्मकता,प्रारूप को देखकर सीख लेनी चाहिए जो हर बार एक नया अवतार और एक नयी कटिबद्धता के साथ प्रतियोगियों में भी विविधता प्रस्तुत करता है.टेलीविजन समाचार,मनोरंजन के स्रोत के साथ साथ जनता की राय गढ़ने का भी एक शक्तिशाली माध्यम है और अगर इसका इस्तेमाल सही तरीके से किया जाए तो विशालकाय TRP स्वयं ही स्थापित हो जायेगी.

Entertainment,Entertainment,Entertainment का फ़ॉर्मूला सिर्फ क्षणिक मनोरंजन के लिए कारगर सिद्ध हो सकती है,परन्तु विशालकाय TRP स्थापित नहीं कर सकती.विशालकाय TRP स्थापित करने के लिए Edu-tainment,Info-tainment एवं Fami-tainment फ़ॉर्मूला अपनाना होगा जिससे लोगो की नजरों में टेलीविजन के माध्यम से मनोरंजन के प्रति एक सकारात्मक सोच तैयार तो होगी ही साथ साथ हमारे देश के दूर दराज़ इलाको में जहाँ शिक्षा के बहुत सिमित विकल्प है,वहाँ विविधताओ से भरे इस प्रकार के कार्यक्रम आम लोगो के जीवन की बुनियादी अवश्यक्ताओ का हिस्सा बनने में भी कामयाब होगा.टेलीविजन को आम लोगों से जोड़ने के प्रयास के वजाए आम लोग टेलीविजन से कैसे जुड़े,इस पर सोचने की जरूरत है और अगर यह संभव हो पाया तो फिर TRP क्या है,यह खुद ब़ा खुद टेलीविजन कार्यक्रमों के कदम चुमेंगी... अमिताभ बच्चन जी आप अद्वितीय है...:-)


[*Edu - Education,Info - Information,Fami - Family
* टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स - टीआरपी (TRP) एक कसौटी है जो एक चैनल या कार्यक्रम की लोकप्रियता इंगित करती है]

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